सागर को मध्य प्रदेश का ह्रदय स्थल कहा जाता है । सागर शहर का नाम "सौगढ़" से बना है । सौगढ़ का अर्थ है सौ(100) किले । सागर शहर में सभी धर्मों के लोग मिल-जुल कर रहते है,और सभी धर्मों के त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाए जाते है । सागर शहर में एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय, एक सरकारी मेडीकल कॉलेज,एक सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, और कई निजी इंजीनियरिंग कॉलेजेस है । यहाँ सभी धार्मिक उत्सव बहुत धूम धाम से मनाए जाते है । सावन में जब मंदिर में झूले में भगवान विराजमान होते है तो सागर का नज़ारा वृन्दावन की तरह होता है । दुर्गा नवमी में कलकत्ता की तरह, और गणेश उत्सव में महाराष्ट्रा की तरह ।