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भूतेश्वर मंदिर का इतिहास लगभग 400 साल पुराना है इसे लगभग 16वीं शताब्दी में खोजा गया। भगवान शिव ने सागर बड़ा बाज़ार स्थित एक परिवार को स्वप्न देकर खुदाई करने को कहा। जिससे भगवान शिव की पिंडी की प्राप्ति हुई। इस मंदिर का परिसर शमशान स्थान परिसर के आस पास स्थित था इसलिए इसे भूतेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। पर अब यहाँ काफी रहवासी क्षेत्र बन चुका है। यह मंदिर लगभग 3 एकड़ परिसर मे फैला हुआ है। पुराने भक्त जो यहाँ लगातार आते रहे है उनके अनुसार यहाँ आने से आत्मिक शान्ति मिलती है और मनोकामनाएँ पूरी होती है। यहाँ मुख्य रूप से श्रावण महीने , बसंत पंचमी , और शिवरात्रि त्योहार के अवसर पर भगवान शिव का विशेष अभिषेक किया जाता है और मेले का आयोजन किया जाता है। शिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव की बारात का भी आनंद भक्त लेते है। यहाँ 23 जुलाई सन 1997 दिन बुधवार, जब से श्री श्री 1008 श्री ब्रजदास जी दादा जी महाराज ने समाधि ली तब से अखंड कीर्तन पाठ !! जय गौरी शंकर सीताराम ! जय पार्वती शिव सीताराम !! चल रहा है और वर्तमान समय मे मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में पंडित श्री चतुर्भुज प्रसाद पांडे जी महाराज सेवा प्रदान कर रहे है। यहाँ भगवान शिव के मंदिर के साथ ही अन्नपूर्णा मंदिर , हरसिद्धि देवी मंदिर और सती मंदिर भी स्थापित है।
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  • Shiv Temple
  • Parvati Shiv Temple
  • Annapurna Temple
  • Harsiddhi Mata Temple
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